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Start Date: 20-02-2020
अंतिम तिथि 20-03-2020

देवभूमि हिमाचल को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने ...

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देवभूमि हिमाचल को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक पहल शुरू की है। इस पहल के तहत रिसाइकल न होने वाले प्लास्टिक वेस्ट व अन्य प्रकार के सिंगल यूज प्लास्टिक वेस्ट को सरकार प्रयोग में ला रही है। यही नहीं इस तरह का वेस्ट आम नागरिक शहरी स्थानीय निकाय को बेच सकेंगे। इसके दाम 75 रुपए प्रतिकिलो निर्धारित किया गया है। इस योजना को और बेहतर बनाने एवं हिमाचल को प्लास्टिक बनाने के लिए आप अपने कीमती सुझाव दीजिए। सुझाव देने की अंतिम तिथि 20 मार्च, 2020 तय की गई है।उल्लेखनीय है कि जगह-जगह फैंके जा रहे प्लास्टिक कचरे के कारण जहां पर्यावरण को नुक्सान पहुंच रहा है वहीं बीमारियां फैलने का भी खतरा बना रहता है। एक अनुमान के अनुसार, प्रदेशभर में प्रति वर्ष लगभग 60-65 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है (कुल कचरे का 10 प्रतिशत, जिसमें से केवल 2-3 टन (प्लास्टिक कचरे का 0.5 प्रतिशत को सुरक्षित रूप से निपटाया जाता है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने कैरी बैग्स, थर्माकोल कटलरी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही प्लास्टिक जैसे चम्मच, कांटे, चाकू, कप, प्लेट, चश्मा आदि पर प्रतिबंध लगाने की भी योजना बनाई जा रही है। हालांकि इसका मात्र 30-35 प्रतिशत तक ही उपयोग होता है। कुल प्लास्टिक का उपयोग, और शेष 65-70 प्रतिशत प्लास्टिक पैकेजिंग आदि से उत्पन्न हो रहा है, जो अभी भी एक बड़ी चुनौती है।

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Varun sharma 5 years 2 months पहले

curb plastic menance in Himachal-
1) Forming ecoclubs in local neighbourhood and cleaning of neighbourhood under supervision of MC or Bahar Panchayat or Panchayat. Monthly activity on a fixed sunday making it a mass movement.
2) ‎promting use of bottle bricks stools, benches etc making it visible in public.
3) ‎making bottle bricks compulsory at schools for art craft and asking students to bring their own garbage.- it will encourage to use ecoclubs of schools and neighbourhood.