Start Date: 06-11-2023
अंतिम तिथि 31-12-2026
हिमाचल प्रदेश में आई जुलाई-अगस्त महीने में आपदा ने जमकर तबाही मचाई। ...
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हिमाचल प्रदेश में आई जुलाई-अगस्त महीने में आपदा ने जमकर तबाही मचाई। प्रदेश भर में इससे भारी नुकसान हुआ है। प्राकृतिक आपदा में लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए संचार व्यवस्था का मजबूत होना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। आपदा के दौरान कुल्लू, मनाली और मंडी में फोन के जरिए लोगों से संपर्क नहीं हो सका। इसके अलावा बिजली न होने की वजह से भी संपर्क स्थापित करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार अब वैकल्पिक संचार की ओर व्यवस्था करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। सरकार ने संचार के लिए एमेच्योर रेडियो के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है।
इससे हिमाचल प्रदेश की हर सब डिवीजन में कम से कम एक रेडियो स्वयंसेवक बनाया जाएगा। यह स्वयंसेवक किसी भी आपदा या आपातकाल की स्थिति में राज्य स्तर पर स्थापित आपातकालीन संचालन केंद्र और सभी जिला आपातकालीन संचार केंद्र संचालक केंद्र से जुड़कर वैकल्पिक संचार चैनल स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन स्वयंसेवकों को पंजीकृत किया जाएगा और स्थापित मानदंडों के मुताबिक एमेच्योर रेडियो के संचालन के लिए लाइसेंस भी दिए जाएंगे।
राज्य सरकार देगी 80 फीसदी सब्सिडी
एमेच्योर रेडियो (Amateur radio) की खरीद के लिए 80 फीसदी खर्च सरकार करेगी, जबकि बचा हुआ 20 फीसदी स्वयंसेवक को खुद करना होगा। इसके अलावा राज्य सरकार शैक्षणिक संस्थानों में नए हैम रेडियो क्लब स्थापित करने और मौजूदा हैम रेडियो क्लब को मजबूत करने के लिए भी स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण देगी। प्रशिक्षित एमेच्योर रेडियो ऑपरेटर आपदा की स्थिति में इसका इस्तेमाल करेंगे। एमेच्योर रेडियो से संचार आसान होगा और मदद पहुंचाने में तेजी आएगी।