डॉ यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा गरीब परिवार के छात्रों को उच्च शिक्षा में बाधारूप बन रही उनकी आर्थिक स्थिति अब मायने नहीं करेगी। क्योंकि हिमाचल सरकार द्वारा एक ऐसी सरकारी योजना शुरू की गई है जिसके अंतर्गत उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इच्छुक छात्रों को केवल एक प्रतिशत(1%) ब्याज दर पर एजुकेशन लोन हिमाचल प्रदेश में प्राप्त हो सकेगा। इस योजना का नाम डॉक्टर यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना है।
इस योजना के अंतर्गत बच्चों को 01% ब्याज की दर पर ऋण प्रदान किया जाएगा| जिसमे से विद्यार्थी बोर्डिंग, आवास, ट्यूशन फीस, किताबें और उनकी शिक्षा से जुड़े अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण ले सकेंगे| डॉक्टर यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना का लाभ पाकर अब राज्य का कोई भी युवा वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण उच्च या व्यावसायिक शिक्षा से वंचित नहीं रहेंगे|
डॉ यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना क्या है?
इस योजना के अंतर्गत जिस छात्र के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है उस छात्र को उच्च शिक्षा हेतु हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 20 लाख रुपए का लोन मात्र 1% ब्याज पर ही उपलब्ध करवाया जाएगा। जिसके कारण गरीब परिवार के बच्चे भी उच्च शिक्षा का लाभ उठा सके।
डॉ यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना के तहत आवेदक छात्र को लोन इसीलिए मुहैया कराया जाएगा ताकि वह शिक्षा के साथ-साथ अन्य जरूरी खर्च जैसे की आवास की सुविधा, शिक्षा के लिए ज़रूरी सामग्री, ट्यूशन फीस आदि की पूर्ति कर सके। इस योजना के कारण हिमाचल प्रदेश राज्य में साक्षरता दर में भी बढ़ोतरी होगी।
किन कोर्स के लिए मिलेगा विद्यार्थी ऋण योजना का लाभ?
नर्सिंग
मेडिकल
इंजीनियरिंग
बहुतकनिकी संस्थान
डिप्लोमा
ओद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान
पीएचडी
पेरामेडिकल फार्मेसी
विधि इत्यादि
डॉ यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना की मुख्य विशेषताएं
डॉ यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत गरीब परिवार के छात्रों को 20 लाख रुपए का लोन उच्च शिक्षा हेतु उपलब्ध करवाया जाएगा।
इस योजना के तहत दिया जाने वाला एजुकेशन लोन केवल 1% ब्याज दर पर ही प्रदान किया जाएगा।
यह योजना विभिन्न कोर्स करने वाले छात्र जिसकी सूची ऊपर दी गई है उन सभी छात्रों के लिए लाभकारी साबित होगी।
इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश राज्य में साक्षरता के दर में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
डॉ यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना के तहत छात्र ट्यूशन फीस के साथ शिक्षा के लिए अन्य ज़रूरी सामग्री जैसे की पाठ्य पुस्तक, स्टेशनरी के अन्य सामान आवास की सुविधा का मैनेजमेंट अच्छे तरीके से कर सकेंगे।
इस योजना के शुरू होने से अब गरीब परिवार के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए पैसे का इंतजाम करने की चिंता नहीं रहेगी।
BrahmDevYadav 1 year 4 months ago
शिक्षा के विकास के लिए सरकार ने क्या किया है?
सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और 2021-22 की बजट घोषणाओं के अनुरूप वयस्क शिक्षा के सभी पहलुओं को कवर करने के लिए वित्त वर्ष 2022-2027 की अवधि के लिए "न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम (नव भारत साक्षरता कार्यक्रम)" को मंजूरी दी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रौढ़ शिक्षा और आजीवन सीखने की सिफारिशें शामिल हैं।
BrahmDevYadav 1 year 4 months ago
शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए क्या किया जा सकता है?
शिक्षा को बेहतर बनाने के लिये एक शिक्षा आयोग का गठन किया जाना चाहिए, जिसमें सरकार का ज्यादा हस्तक्षेप ना हो, शिक्षाविदों को पूर्ण रूप से उसमें कार्य करने देना चाहिए। कहा कि हमें राष्ट्रीय स्तर पर, जिला स्तर पर प्रांत स्तर पर शिक्षा को बेहतर बनाने के लिये अपनी ओर से बेहतर योगदान करना चाहिए।
BrahmDevYadav 1 year 4 months ago
भारत अपनी साक्षरता दर कैसे सुधार सकता है?
सरकारी स्कूली शिक्षा प्रणाली पर 'सामुदायिक' स्वामित्व बढ़ाना।
शिक्षक शिक्षा (टीई) प्रणाली में सुधार। शिक्षक शिक्षा के लिए उत्कृष्टता केंद्र विकसित करना।
अच्छी गुणवत्ता वाले स्कूल नेतृत्व के महत्व के इर्द-गिर्द एक राष्ट्रीय चर्चा और अनिवार्यता बनाएँ।
BrahmDevYadav 1 year 4 months ago
हिमाचल प्रदेश में स्कूली शिक्षा में अधिक विकास के क्या कारण हैं?
सरकार की पहल और इच्छा:- राज्य सरकार का शिक्षा को बढ़ावा देने का स्पष्ट उद्देश्य है और इसलिए उसने बड़े पैमाने पर स्कूल खोले। सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि सभी स्कूलों में शिक्षक, कक्षाएँ, शौचालय और पीने का पानी आदि हो।
BrahmDevYadav 1 year 4 months ago
साक्षरता का मुख्य उद्देश्य क्या है?
सही मायने में साक्षरता का उद्देश्य तभी सार्थक हो सकता है जब हम समाज व राष्ट्र के लोगों को पतन के मार्ग पर जाने से रोकें और उन्हे धर्म कर्म की ओर ले जाएं। साक्षरता का असली उद्देश्य समाजिक कुरीतियों से मुक्ति दिलाना है ।
BrahmDevYadav 1 year 4 months ago
भारत में साक्षरता बढ़ाने के लिए सरकार ने कौन कौन से कदम उठाए?
मध्याहन भोजन योजना, मुफ्त गणवेश और पाठ्यपुस्तक योजना एवं शिष्यवृत्ति योजना जैसी योजनाएं चलाई जाती है जिससे गरीब बच्चें एवं उनके माँ बाप बच्चों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित होते है।
BrahmDevYadav 1 year 4 months ago
साक्षरता की कमी का क्या कारण है?
कम साक्षरता दर के लिए कारण संपादित करें विद्यालयों की कमी (भारत में लगभग 6 लाख स्कूल के कमरों की कमी है) स्कूल में शौचालय आदि की कमी जातिवाद (भारत में एक मुद्दा है), गरीबी (अधिक जनसंख्या के कारण साक्षरता में कमी), जागरूकता की कमी अन्धविश्वास स्वतंत्रता के समय भारत की साक्षरता दर मात्र बारह (12%) प्रतिशत थी।
BrahmDevYadav 1 year 4 months ago
साक्षरता दर बढ़ाने के लिए क्या किया जा सकता है?
भारत की साक्षरता दर को निम्नलिखित रूप से बढ़ायी जा सकती है।
1. विद्यालय की स्थापना करना (जिस जगह विद्यालय न हो या दूर हो खासकर गांव के क्षेत्रो में)।
2. स्कलों में शौचालय बनाना।
BrahmDevYadav 1 year 4 months ago
शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा क्या उपाय किए गए हैं?
आरटीई या शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 कहता है कि 6-14 वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। बालिका समृद्धि योजना (15 अगस्त 1997) कन्या शिशु वाली माताओं को 500/- रुपये प्रदान करती है। यह लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वार्षिक छात्रवृत्ति भी प्रदान करता है।
BrahmDevYadav 1 year 4 months ago
साक्षरता फैलाने के उपाय क्या हैं?
उत्तर: ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क शिक्षा प्रदान करना ।
सर्व शिक्षा अभियान में 6-14 वर्ष की आयु के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करेगा,जिससे यह एक मौलिक अधिकार बन जाएगा। पढ़ाई में रुचि रखने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति देना।